सड़क सुरक्षा एवं सड़क दुघर्टना में मददगार \'गुड सेमेरिटन- पर चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन, कुलवंत सिंह चौहान

 

 

रुड़की। सड़क दुघर्टनाओं में लगातार हो रही बढ़ोत्तरी के प्रति चिंतित भारत सरकार व सड़क सुरक्षा में स्टेक होल्डर विभागों द्वारा लगातार लोगों को सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। इसी क्रम में परिवहन विभाग रुड़की  सड़क सुरक्षा के प्रति आम जनमानस, छात्र छात्रों व चालकों को जागरूक करने के लिए जागरुकता कार्यक्रम आयोजित करता रहता है इसी क्रम में सोमवार को एआरटीओ प्रवर्तन रुड़की के नेतृत्व में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) रुड़की में डी एल एड प्रशिक्षुओं के मध्य सड़क सुरक्षा एवं दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति के मददगार गुड सेमेरिटन पर चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। कार्यशाला में एआरटीओ कुलवंत सिंह चौहान ने प्रशिक्षुओं को बताया कि सड़क पर लगे रोड़ साइन संकेत व रोड़ लाइन का विशेष ख्याल रखना चाहिए उन्होंने कहा कि सड़क अपने बारे में स्वयं बात करती है बशर्ते हम सड़क से बातें करना सीखें इसलिए वाहन चलाते समय हमारा दिमाग स्टेयरिंग पर व आंखें सड़क पर होनी चाहिए। 

एआरटीओ ने बताया कि दुर्घटना होने पर यदि दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को समय पर प्राथमिक उपचार की मदद मिलती है तो उसके बचने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है। इसलिए हमें हरसंभव सड़क दुघर्टनाग्रस्त में मददगार बनकर किसी की जान बचाने में सहभागी होना चाहिए इसके लिए नये कानून के अनुसार मददगार व्यक्ति को पुलिस या न्यायालय में अपने बारे में कोई जानकारी नहीं देनी पड़ती है साथ ही गुड सेमेरिटन व्यक्ति को सरकार द्वारा भी प्रोत्साहित किया जाता है।
कार्यक्रम में परिवहन कर अधिकारी अनिल सिंह नेगी ने भी सड़क सुरक्षा और सड़क दुघर्टनाओं से सम्बन्धित आकंड़ों के माध्यम से बताया कि लगातार बढ़ रही सड़क दुघर्टनाओं के कारण सड़क सुरक्षा के प्रति बहुत गम्भीर होने की आवश्यकता है। अनुशासित व सुरक्षित सड़क संस्कृति विकसित कर सड़क दुघर्टना में कमी लाने में सहायक होकर सभ्य नागरिक की तरह हमें सभ्य चालक बनने की भी जरूरत है। 

उन्होंने कहा कि सड़क दुघर्टना के एक घंटे के भीतर जिसे चिकित्सीय भाषा में गोल्डन हावर कहा जाता है के भीतर दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को प्राथमिक मदद करनी चाहिए न कि सड़क पर मूकदर्शक बनकर केवल वीडियो बनाने तक सीमित नहीं रहना चाहिए। गुड सेमेरिटन व्यक्ति न केवल सुरक्षित सड़क संस्कृति का अहम हिस्सा है बल्कि मानवता के प्रति भी हमारी सहयोगी भावना का कारक है इसलिए पहले तो प्रयास करें कि सड़क दुघर्टना न हों लेकिन यदि दुर्घटना हो जाती हैं तो दुर्घटना स्थल पर घायल व्यक्ति की मदद अवश्य करनी चाहिए। प्रशिक्षुओ को सम्बोधित करते हुए डायट के प्राचार्य श्री कैलाश डंगवाल ने प्रशिक्षुओ से अपील की कि वे अपने अध्यापकीय गुण के अनुरूप न केवल स्वयं सड़क के नियमों का पालन करें साथ ही आमजन को भी इसके लिए प्रेरित करें। कार्यक्रम का संयोजन डायट प्रवक्ता श्रीमती प्रेरणा बहुगुणा एवं संचालन प्रवक्ता श्री ज्ञान प्रकाश सिलवाल ने किया। प्रतियोगिता में प्रथम 08 प्रतिभागियों को परिवहन विभाग की ओर से पुरस्कृत भी किया गया। कार्यक्रम में डायट के 90 प्रशिक्षुओं सहित परिवहन सहायक निरीक्षक अश्विनी चौहान, नीरज कुमार, सुमित शर्मा लक्ष्मण सिंह परिवहन चालक इजहार उल अंसारी व राकेश नेगी ने प्रतिभाग किया।