हिंदी पत्रकारिता दिवस पर प्रेस क्लब हरिद्वार में आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे डीजीपी अभिनव कुमार

 

हरिद्वार: हिंदी पत्रकारिता दिवस पर प्रेस क्लब हरिद्वार में आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे डीजीपी अभिनव कुमार अलग ही नजर आए। डीजीपी अभिनव कुमार ने आईपीएस बनने से पहले दिल्ली में इंडिया टुडे के पत्रकार के रूप में किए गए पत्रकारिता के अपने अनुभव को साझा किया, साथ ही साथ हरिद्वार में पुलिस कप्तान के रूप में अपनी पुरानी यादों को भी आत्मीयता के साथ ताजा किया। इस दौरान डीजीपी अभिनव कुमार ने पढ़ाई के लिए विदेश जाने से पहले परिवार और हरिद्वार से जुड़ा एक किस्सा भी सुनाया। 


प्रेस क्लब हरिद्वार की ओर से हिंदी पत्रकारिता दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार शमशेर सिंह और उत्तराखंड के डीजीपी अभिनव कुमार ने शिरकत की। इस दौरान डीजीपी अभिनव कुमार ने बताया कि वे आईपीएस बनने से पहले इंडिया टुडे में बात और पत्रकार कम कर चुके हैं, उनके नाम से कई खबरें प्रकाशित हुई।

 इस बीच उनका सिलेक्शन यूपीएससी में हो गया और बतौर आईपीएस वे पत्रकारिता के बाद पुलिस परिवार का हिस्सा बने। डीजीपी अभिनव कुमार ने विदेश में पढ़ाई जाने से पहले का किस्सा साझा करते हुए बताया कि 1989 में स्कॉलरशिप मिलने पर पढ़ाई के लिए ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी जाना चाहते थे। लेकिन उत्तर प्रदेश में उनका मध्यम वर्गीय परिवार, जिसमें पहले कभी कोई भी देश नहीं गया था, उनके लिए यह फैसला बड़ा अचंभित करने वाला था। 

इसलिए परिवार वाले नहीं चाहते थे कि वह पढ़ाई के लिए विदेश जाएं। तब परिवार की एक पंचायत हुई। जिसमें सभी ने उन्हें विदेश भेजने से मना किया। तब उनके नाना जी ने इच्छा पूछते हुए कहा कि आप क्या चाहते हैं। डीजीपी ने बताया कि उन्होंने विदेश जाने की इच्छा जाहिर की, तब नाना जी ने उनके सामने एक शर्त रखी कि तुम्हें मेरे साथ हरिद्वार चलना पड़ेगा।

 नाना जी के कहने पर वह उनके साथ हरिद्वार पहुंचे और हर की पैड़ी के पास किसी धर्मशाला में रात रुकने के बाद गंगा स्नान किया। तब उनके नाना जी ने कहा कि वचन उठाओ के विदेश जाकर वापस आओगे। वचन उठाने के बाद उन्हें विदेश जाने की अनुमति मिली। डीजीपी अभिनव कुमार का यह किस्सा सुनकर प्रेस क्लब सभागार में मौजूद सभी पत्रकारजनों और अन्य अतिथियों के चेहरे पर मुस्कुराहट दौड़ गई। 

वहीं, मुख्य वक्ता के रूप में कार्यक्रम में उपस्थित वरिष्ठ पत्रकार शमशेर सिंह ने भी अपने पत्रकारिता के शुरुआती दौर को साझा करते हुए बताया कि वह अंग्रेजी में कमजोर थे इसके बावजूद उन्होंने कभी अपने आपको कमतर नहीं समझा। कहा कि हिंदी और अंग्रेजी पत्रकारिता में हमेशा से ही भेदभाव होता आया है लोग पहले से ही अंग्रेजी पत्रकारता को ज्यादा महत्व देते आए हैं, इस बीच उन्होंने डीजीपी अभिनव कुमार से पूछा कि यदि उनके कार्यालय में दो विजिटिंग कार्ड आएं। पहला इंडिया टुडे और दूसरा दैनिक जागरण तो आप पहले किसे मिलने के लिए बुलाएंगे। इस पर डीजीपी अभिनव कुमार का कहना था कि यदि वह हिंदी भाषी प्रदेश के पुलिस महानिदेशक हैं, तो जाहिर है कि दैनिक जागरण का प्रभाव अधिक होगा।

 इसलिए वह दैनिक जागरण के ही प्रतिनिधि को पहले मिलने के लिए बुलाएंगे। कार्यक्रम में हर वर्ष की तरह हरिद्वार के अलग-अलग विश्वविद्यालय और महाविद्यालय में पत्रकारिता विषय में डिग्री हासिल करने वाले मेधावी छात्र-छात्राओं को मेडल देकर सम्मानित भी किया गया। डीजीपी अभिनव कुमार वरिष्ठ पत्रकार शमशेर सिंह और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक  प्रमेन्द्र डोबाल को स्मृति चिन्ह देकर और शॉल उड़ाकर सम्मानित किया गया।

 प्रेस क्लब के अध्यक्ष अमित कुमार, महामंत्री प्रदीप जोशी, कार्यक्रम के मुख्य संयोजक आदेश त्यागी, संयोजक संजय आर्य, सुनील दत्त पांडे, कौशल सिखौला, डॉ शिव शंकर जायसवाल, प्रो. पीएस चौहान आदि ने भी विचार रखे। कार्यक्रम में डॉ रजनीकांत शुक्ला, दीपक नौटियाल, श्रवण झा, अविक्षित रमन, बृजेन्द्र हर्ष, अश्वनी अरोड़ा, प्रेस क्लब के सांस्कृतिक सचिव जोगिंदर मावी, ललितेंद्र नाथ, एमएस नवाज, तनवीर अली, मनोज खन्ना, अहसान अंसारी, राव रियासत पुंडीर, जगदीश देशप्रेमी, मेहताब आलम, देशराज, आशीष मिश्रा, जहांगीर अली, पुल्कित शुक्ला, सचिन सैनी, आशीष धीमान, हरीश कुमार आदि मौजूद रहे।
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यह पुलिस अधिकारी भी रहे शामिल.....
कार्यक्रम में एसएसपी के अलावा एसपी क्राइम पंकज गैरोला, एसपी देहात स्वप्न किशोर सिंह, एसपी सिटी स्वतंत्र कुमार सिंह, सीओ सिटी जूही मनराल, सीओ यातायात नताशा सिंह, शहर कोतवाल कुंदन सिंह राणा, इंस्पेक्टर विपिन चंद्र पाठक, सीपीयू प्रभारी इंस्पेक्टर हितेश कुमार आदि भी मौजूद रहे।