मंगलौर उपचुनाव में समीकरण में फेरबदल जाट एवं गुज्जर समाज के भाजपा को समर्थन देने के बाद कमजोर पड़ सकती है कांग्रेस-मुकाबला बसपा और भाजपा में तय

 

 

रुड़की। मंगलौर उपचुनाव में तीनों राजनीति पार्टियों में त्रिकोणीय मुकाबला माना जा रहा था, लेकिन जैसे ही जाट और गुर्जर समाज एकजुट होकर भाजपा के समर्थन में दिखाई दिया, वेसे ही यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि अब कांग्रेस कहीं न कहीं मंगलौर उपचुनाव में कमजोर दिखाई दे रही है वहीं अब चुनाव भाजपा और बसपा का मुकाबला सीधे-सीधे होता नजर आ रहा हैI  वही स्वर्गीय हाजी शरबत करीम के पुत्र उबेदुर्र रहमान उर्फ मोंटी  बहुजन समाज पार्टी से चुनाव लड़ रहे हैं, अगर बात की जाए तो सर्व समाज का साथ बहुजन समाज पार्टी को मिल रहा है वही हिन्दु और मुस्लिम समाज में बहुजन समाज पार्टी अपनी बढ़त बनाए हुए हैं, अगर बात करें भारतीय जनता पार्टी प्रत्याशी करतार सिंह भढ़ाना काफी मजबूत प्रत्याशी माने जा रहें है 

वही समीकरण को अगर देखे तो हिंदू समाज, जाट समाज, सैनी समाज, गुर्जर समाज, कश्यप समाज और कहीं ना कहीं दलित समाज की कुछ प्रतिशत वोट बीजेपी अपने ओर ले जाने का प्रयास लगातार कर रही है| कांग्रेस के प्रत्याशी काजी निजामुद्दीन अपने चुनाव को अच्छा करने में लगे हैं, लेकिन जैसे ही गुर्जर और जाट समाज भारतीय जनता पार्टी की ओर जाते नजर आए कहीं ना कहीं 50% वोट बैंक का नुकसान कांग्रेस को होता नजर आ रहा है कहीं ना कहीं यह वोट बैंक कांग्रेस के खाते में आना था जो की अब भाजपा के खाते में जाता हुआ नजर आ रहा है उपचुनाव में कांग्रेस पार्टी को जाट और गुर्जर और कश्यप समाज का भारी नुकसान हो सकता है अब कुछ ही दिन मतदान के रह गए हैं अब किस प्रकार से कांग्रेस अपना वोट बैंक इकट्ठा कर पाती है यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा, वहीं अब चुनाव सीधे-सीधे बसपा और भाजपा के बीच में माना जा रहा है|