कार्यालय और सामाजिक जीवन में तालमेल जरूरी - महालेखाकार

 

 

देहरादून। कौलागढ़ स्थित महालेखाकार भवन में ऑडिट सप्ताह के तहत श्री अनुज शर्मा, उपमहालेखाकार एवं श्री मुकेश कुमार , उपमहालेखाकार  के पर्यवेक्षण में आयुर्वेदिक एवं यूनानी सेवा निदेशालय के चिकित्साधिकारियों द्वारा नेचुरोपैथी पर कार्यशाला एवं संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी में वरिष्ठ चिकित्साधिकारी वैद्य कृष्णकांत पाण्डेय ने दिनचर्या एवं पंचकर्म, वरिष्ठ चिकित्साधिकारी डा. देशराज सिंह ने मानसिक स्वास्थ्य एवं आयुर्वेद तथा सह-प्राध्यापक डॉ.  मन्नत मारवाह तथा डॉ. शादाब खान ने योग एवं नेचुरोपैथी से स्वास्थ्य संरक्षण पर व्याख्यान दिये।

 चिकित्सकों ने दिनचर्या, योग और आयुर्वेद के माध्यम से कार्यालय एवं सामाजिक जीवन के बीच सामंजस्य स्थापित करने तथा मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य को उत्तम बनाए रखने के साधन बताए। कार्यक्रम में अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया गया। अंत में श्री राजीव कुमार सिंह, महालेखाकार ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य को उत्तम बनाए रखने के लिए चिकित्सकों द्वारा दिये सुझावों को अपनाने पर बल दिया। 


इस अवसर पर श्री लोकेश दताल, उपमहालेखाकार, श्री अनुपम जाखड़, उप निदेशक,  सुश्री नेहा मित्तल, उपमहालेखाकार, श्री तुषार केन, उपमहालेखाकार, सुश्री अंबिका रैना, सहायक महालेखाकार, श्री अर्पित चौधरी, सहायक महालेखाकार एवं श्री लोकेश चौधरी, सहायक महालेखाकार उपस्थित रहे। 


पूर्वाह्न में सुश्री नेहा मित्तल, उप महालेखाकार एवं सुश्री अंबिका रैना, सहायक महालेखाकार  के पर्यवेक्षण में रंगोली प्रतियोगिता  का आयोजन किया गया, जिसमे कुल 32 महिलाओं ने प्रतिभाग किया। 

रंगोली प्रतियोगिता का विषय “भारतीय संस्कृति के विभिन्न रंग” था।  रंगोली प्रतियोगिता में मुख्य रूप से ऑडिट दिवस और सीएजी, एकता में अनेकता, एवं भारतीय अध्यात्म का पुनर्जागरण आदि की झलकियाँ खूबसूरत रंगों से बिखेरी गयी। जिसका मुख्य उदेश्य  भारतीय संस्कृति के विविध आयामों को प्रदर्शित करना था। 


आयोजन को सुचारु रूप से संपादित कराने में श्रीमति मानसी जैन, श्रीमति पुष्पा तोमर  एवं श्रीमति शिखा खंडुरी  ने विशेष योगदान दिया।