ऋषिकेश के 14 वर्षीय राघव गोस्वामी ने बनाया सबसे सस्ता ड्रोन, आपदा प्रभावित क्षेत्रों के लिए होगा कारगर

 

हरिद्वार। डीपीएस स्कूल ऋषिकेश के कक्षा 10 के छात्र ने एक अनमैंड एरियल व्हीकल्स यानि ड्रोन का निर्माण किया है. यह सुदूर तथा बाढ ग्रसित इलाके में दवाई तथा जरूरत के सामान पहुंचने के लिए कारगर साबित होगा. इसका ट्रायल आज ड्रोन बनाने वाले राघव गोस्वामी ने अपने परिवार के साथ हरिद्वार पहुंचकर सफल ट्रायल किया। उत्तराखंड में में प्रतिभाओ की कमी नहीं है. यहां एक से एक प्रयोग होते रहते हैं. ऐसा ही प्रयोग किया है गया डीपीएस स्कूल ऋषिकेश के कक्षा 10 के 14 वर्षीय छात्र राघव गोस्वामी पुत्र एडवोकेट प्रदीप चन्द्र पाण्डेय ने एक अनमैंड एरियल व्हीकल्स यानि ड्रोन का निर्माण किया है. जो सुदूर तथा बाढ ग्रसित इलाके में दवाई तथा जरूरत के सामान पहुंचने के लिए कारगर साबित होगा. राघव गोस्वामी कहते हैं कि खास कर इस ड्रोन प्रोजेक्ट का निर्माण प्रदेश में आने वाली बाढ़ के स्थिति को देखकर बनाया गया है।

बाढ़ के दिनों में हजारों लोग फंस जाते हैं और उन तक जरूरत का सामान नहीं पहुंच पाता. लेकिन इस ड्रोन के माध्यम से जरूरत का सामान बाढ़ ग्रसित लोगों तक आसानी से पहुंचाया जा सकेगा। डीपीएस स्कूल ऋषिकेश के छात्र ने बड़ा कारनामा करते हुए प्रोजेक्ट के रुप में अनमैंड एरियल व्हीकल्स का निर्माण किया है. कहा जा रहा है कि यह ड्रोन देश के वैसे इलाके के लिए भी कारगर साबित हो सकता है. जहां इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी है तथा बाढ़ ग्रसित इलाके में दवाई और जरूरत के सामान पहुंचाने में इसका इस्तेमाल किया जा सकेगा. ऋषिकेश निवासी छात्र राघव गोस्वामी और उसके पिता एडवोकेट प्रदीप चन्द्र पाण्डेय और माता पारुल से मिली जानकारी के अनुसार आने वाले दिनों में भारत में ड्रोन की अहमियत बढ़ने वाली है. इसी को देखते हुए हमारे पुत्र राघव ने कक्षा 10 में पढ़ते हुए महज 14 वर्ष की उम्र में इस प्रोजेक्ट पर काम किया और एक सबसे सस्ता ऐसा ड्रोन का निर्माण कर दिया है, जो सस्ती कीमत पर सुदूरवर्ती इलाके में कारगर साबित हो सकता है. इस ड्रोन से करीब 500 ग्राम तक का सामान लाया और पहुंचाया जा सकता है. फिलहाल राघव गोस्वामी इस प्रोजेक्ट पर और बेहतर तरीके से काम कर रहे हैं।.इसका रेंज 100 मीटर से बढ़ाकर 5 किलोमीटर तक करने के लिए रिसर्च कर रहे हैं। राघव गोस्वामी की इस उपलब्धि पर परिवार समेत अन्य शिक्षक गण भी बेहद खुश हैं। 

इस प्रोजेक्ट को बनाने में राघव के सपोर्ट प्रोजेक्ट गाइड पिता एडवोकेट प्रदीप चन्द्र पाण्डेय जो एम्स हॉस्पिटल ऋषिकेश के लिगल एडवाइजर और माता पारुल का भी अहम योगदान रहा है. इनके मार्गदर्शन में राघव ने यह कारनामा कर दिखाया है। इस संबंध में जानकारी देते हुए राघव गोस्वामी और उसके पिता एडवोकेट प्रदीप चन्द्र पाण्डेय और माता पारुल बताते हैं। कि यह प्रोजेक्ट अभी फर्स्ट स्टेज में है.इसे और विकसित किया जाएगा. इसका रेंज अभी 100 मीटर तक का है. इसका रेंज बढ़ाने के लिए हमारा बेटा  राघव गोस्वामी काम कर रहा हैं. कुछ दिनों में राघव इस प्रोजेक्ट को लॉन्च करने के बाद अपने स्कूल के नाम पर पैटेंट कराने की सोच रहे हैं. इन्होंने बताया कि भारत में वैसे तो अभी कई ड्रोन है। लेकिन उसकी कीमत अधिक है. राघव ऐसा ड्रोन का निर्माण करने की सोच रहे हैं जो बेहद कम लागत में बनाया जा सके. यही वजह है कि हमारे बेटे राघव ने लेटेस्ट टेक्नोलॉजी को इस्तेमाल करते हुए इस प्रोजेक्ट को बनाया है।